(चर्चा जनचौपाल36)कबीरधाम के गांधी मैदान में डिप्टी सीएम विजय शर्मा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत आयोजित 101 जोड़ो के सामूहिक विवाह सम्मेलन में सम्मिलित होकर वर-वधु को नव-दांपत्य जीवन में बंधने पर बधाई दी। अक्ती के अवसर विशेष पर शासन के कैबिनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने सभी नवविवाहित जोड़ों को सुखद एवं मंगलमय दाम्पत्य जीवन की स्नेहिल शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद प्रदान किया।
बुधवार शाम को कवर्धा विधायक व डिप्टी सीएम विजय शर्मा, महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद संतोष पांडेय और पंडरिया विधायक भावना बोहरा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा के आह्वान पर मुख्यमंत्री कन्या विवाह को भव्य और आर्दश विवाह बनाने के लिए कवर्धा जनप्रतिनिधियों सहित गणमान्य नागरिक और प्रबुद्धजनों ने हिस्सा लेकर शादी को यादगार बनाया। मीडिया द्वारा नक्सली मुद्दे पर चर्चा करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि, जब छत्तीसगढ़ के आदिवासी मुठभेड़ों में मारे जा रहे थे, तब किसी संगठन ने दर्द नहीं जताया, लेकिन अब जब तेलंगाना के नक्सली घेरे में हैं, तो वार्ता की बातें शुरू हो गई हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने नव विवाहित जोड़ों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। वर्ष 2005 में हमारी तात्कालीन सरकार पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना शुरू किया गया।
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत 30 अप्रैल बुधवार को कबीरधाम जिले के 85 जोड़े एक साथ फेरे लेकर अटूट बंधन में बंध गए।पूरे रस्मों रिवाज से हिंदू धर्म अनुसार वर और वधु को पंडित ने सात वचनों का संकल्प भी दिलाया। नव दांपत्य जोड़ों को उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े ने मंच पर आशीर्वाद प्रदान कर 35-35 हजार रूपए का चेकर प्रदान किया।
ऐसे आयोजनों से न केवल सामाजिक समानता को बढ़ावा मिलता है, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को खर्च की दिशा से बचाने एक मजबूत संबल प्रदान करता है।महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी आनंद तिवारी के अनुसार कार्यक्रम सुबह 10 बजे शुरू हुआ। वीर सावरकर भवन से सुबह 11 बजे दूल्हों की बरात निकली, जिसका पुरानी मंडी के पास स्वागत (परघौनी) के बाद बारात गांधी मैदान पहुंची। विवाह समारोह में सभी रस्में पारंपरिक तरीके से संपन्न की गईं। वर-वधू और उनके परिजनों के लिए अलग-अलग आवास, भोजन और परिवहन की व्यवस्था की गई थी।