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Monday, April 28, 2025

नवरात्रि में कठोर नियमों का पालन करतें हैं पीएम मोदी, उपवास वास्तव में एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है,जिसमें अध्यात्म की शक्ति भी है,,

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नवरात्र अथवा नवरात्रि, हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्र एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातों का समय’। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति/देवी की पूजा की जाती है। साल में चार बार नवरात्र आते हैं। माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन।

दिल्ली ;_नवरात्रि में उपवास आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के संतुलन को लाने का एक शक्तिशाली साधन है. जब आप उपवास करते हैं, तो यह जीवन को बहुत गहराई से आकार देता है. 

व्रत रखने से पहले शरीर को योगाभ्यासों से तैयार करते हैं पीएम मोदी

पीएम मोदी कहते हैं कि उपवास वास्तव में एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है।जब वह लंबे समय तक उपवास करते हैं, तो शरीर को पहले से तैयार कर लेते हैं।उपवास से 5 से 7 दिन पहले वह अपने बॉडी के सिस्टम को आंतरिक रूप से एक तरह से रीसेट करने के लिए कई आयुर्वेदिक अभ्यासों और योग अभ्यासों के साथ-साथ अन्य पारंपरिक विधियों का पालन करते हैं।उपवास शुरू करने से पहले, वह जितना संभव हो उतना पानी पीना शुरू कर देते हैं।इसके बाद उन्‍हें 9 दिनों तक उपवास रखने में ज्‍यादा परेशानी नहीं होती है। 

पीएम मोदी का मानना है कि अध्यात्म की शक्ति से सब कुछ संभव है. पीएम मोदी उपवास के दौरान भोजन और पेय पद्धार्थों से परहेज करते हैं. यह गहरी आस्था का एक रूप है. जब भी कठिनाइयां या चुनौतियां आती हैं, तो वे भगवद गीता का अध्ययन करते हैं।

पीएम मोदी नागपुर और छत्‍तीसगढ़ के दौरे पर रहेंगे.

 चैत्र नवरात्रि आज से शुरू हो गए हैं और इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कठोर तप भी आरंभ हो गया है।पीएम मोदी पिछले काफी सालों से नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक उपवास रखते हैं. इस दौरान वह कठोर नियमों का पालन करते हैं। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन व्रत के दौरान पीएम मोदी नागपुर और छत्‍तीसगढ़ के दौरे पर रहेंगे।नवरात्रि में कठोर नियमों का पालन करने के बावजूद पीएम मोदी अपना कामकाज उसी गति से करते हुए नजर आते हैं।पीएम मोदी नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक उपवास क्‍यों करते हैं? इस दौरान वह क्‍या खाते हैं, किन नियमों का पालन करते हैं आइए आपको बताते हैं.       

साल में दो बार उपवास रखते हैं PM मोदी 

पीएम मोदी का मानना है कि अध्यात्म की शक्ति से सब कुछ संभव है। पीएम मोदी उपवास के दौरान भोजन और पेय पदार्थों से परहेज करते हैं. यह गहरी आस्था का एक रूप है। जब भी कठिनाइयां या चुनौतियां आती हैं, तो वे भगवद गीता का अध्ययन करते हैं।पिछले दिनों पीएम मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ किए गए एक पॉडकास्ट में अपने जीवन में उपवास के बारे में बात_चीत की है। तब पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया था, ‘भारत में, हमारी धार्मिक परंपराएं वास्तव में जीवन जीने का एक तरीका हैं. हमारे शास्त्रों में शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा और मानवता को ऊपर उठाने पर गहन चर्चा है. वे इसे हासिल करने के लिए विभिन्न मार्गों, परंपराओं और प्रणालियों की रूपरेखा तैयार करते हैं, और उपवास उनमें से एक है. मैं देखता हूं कि उपवास अनुशासन विकसित करने का एक तरीका है.’ यही वजह है कि पीएम मोदी साल में दो बार 9 दिनों तक उपवास रखते हैं. 

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