सोमवार को संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जा रही है। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रामेन डेका ने राजभवन में और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सीएम हाउस में अंबेडकर की तस्वीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। बीजेपी आज से ही अपने विशेष अभियान की शुरुआत करने जा रही है।
इसके तहत नेता दलित बस्तियों में जाकर अंबेडकर का अपमान कांग्रेस ने किया यह बताएंगे। दूसरी तरफ कांग्रेस ने भाजपा के अभियान को राजनैतिक पाखंड बता रही है। सीएम साय ने कहा कि, बाबा साहेब का पूरा जीवन संघर्ष की अनुपम मिसाल है। डॉ. अम्बेडकर ने हमें एक ऐसा संविधान दिया जो भारत को लोकतंत्र, समानता और न्याय की मजबूत नींव प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री साय ने बाबा साहब के विचारों को युग प्रेरक बताते हुए कहा कि, आज का दिन हमें यह संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम उनके आदर्शों पर चलें और एक समावेशी, समतामूलक और न्यायप्रिय समाज के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
राज्यपाल डेका ने कहा कि, बाबा साहेब का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। उन्होंने सामाजिक भेदभाव, छूआछूत, असमानता के विरुद्ध आजीवन संघर्ष किया। उन्होंने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे सशक्त माध्यम माना और खुद इसके उदाहरण बने। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने अनेक उपाधियां प्राप्त की और देश के पहले विधि मंत्री के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन किया।
कांग्रेस ने किया कटाक्ष
रविवार को रायपुर में सरकार ने जय भीम पदयात्रा निकाली थी। इस यात्रा और भाजपा के “अंबेडकर जयंती अभियान” को राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि, यह पूरा कार्यक्रम भाजपा का राजनैतिक पाखंड है।
असलियत यह है कि संघी भाजपाइयों के मन में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, संविधान और दलितों के प्रति हिकारत है, नफ़रत है। इन्हीं के पूर्वज आरएसएस और महासभा ने बाबा साहब के पुतले जलाए। 12 दिसंबर 1949 को घटित संघीयों का कुकृत्य इतिहास के पन्नों में दर्ज है।विष्णुदेव साय सरकार जयंती अभियान और जय भीम पदयात्रा का पाखंड करने के बजाय अनुसूचित जाति वर्ग को उनके हक का आरक्षण, उनके अधिकार और उचित सम्मान दे।
सरकार सभी जिला जनपद पंचायत में करेगी कार्यक्रम
राज्य के सभी जिलों, जनपदों और ग्राम पंचायतों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी कलेक्टरों एवं जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को पत्र जारी कर 14 अप्रैल को कार्यक्रमों का आयोजन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मोर दुआर साय सरकार विशेष पखवाड़ा (15 से 30 अप्रैल) के अंतर्गत चल रहे सर्वेक्षण कार्य की जानकारी लाभार्थियों तक पहुंचाने और योजना की पात्रता संबंधी जानकारी देने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। भूजल संरक्षण के लिए जनजागरूकता बढ़ाने और जल संरक्षण का संकल्प भी दिलाया जाएगा।