34.1 C
Raipur
Monday, April 28, 2025

भारत में आतंक वाद के विरुद्ध सुपर फाइव एक्शन प्लान,,अब निकलेगी पाकिस्तान की जान

Must read

Janchoupal 36

ऐ आतंकी बता तेरा क्या है निजाम निर्दोष हत्याओं से तेरा क्या है पैगाम,,आदमी तो तू हो नहीं सकता अब देख तेरा क्या है अंजाम..

पहलगाम में टूरिस्ट स्पॉट पर आतंकी हमला हुआ जिसमें तीन दहाई की संख्या में मौत की पुष्टि हो रही है।सरकार हतप्रभ है ये कैसे हो गया जहां हम अमन चैन की वादी समझ रहे थे वहां पर ये मौत का मातम क्यों हुआ।
अब भारत सरकार पड़ोसी मुल्क पर बंदिशे लगा रही है पहले गले लगाते आई है।चलिए देर आए दुरुस्त आए।ये अच्छा हुआ कि आतंक के पालनहार पर भारतीय खैरात बंद की गई।
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं और कई आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है। भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं:
पहले आतंकवाद पर प्रहार
आतंकवाद विरोधी कानून
अनलॉफुल एक्टिविटीज़ (प्रिवेंशन) एक्ट (UAPA) इस कानून के तहत आतंकवादी गतिविधियों को रोकने और आतंकवादियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए व्यापक अधिकार दिए गए हैं।
एनआईए एक्ट: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को आतंकवादी मामलों की जांच और अभियोजन के लिए विशेष अधिकार दिए गए हैं।
आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठन जैसे कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन आदि पर प्रतिबंध लगाया गया है।
अन्य आतंकवादी संगठन जैसे कि सिमी,आईएसआईएएस आदि पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग
आतंकवाद विरोधी साझेदारी भारत ने कई देशों के साथ आतंकवाद विरोधी साझेदारी की है, जैसे कि अमेरिका, रूस, इजरायल आदि।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद विरोधी प्रस्तावों का समर्थन किया है और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई की मांग की है।
आर्थिक बंदिशें:
आतंकवादियों की संपत्ति जब्त: आतंकवादियों की संपत्ति जब्त करने और उनके वित्तीय स्रोतों को बंद करने के लिए कदम उठाए गए हैं।
आर्थिक प्रतिबंध आतंकवादियों और उनके समर्थकों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं।

पाकिस्तान पर नकेल
पहलगाम हमले के बाद भारत ने जो कदम उठाए हैं, उनमें सबसे बड़ा फैसला है- सिंधु जल समझौते पर रोक लगाना।पाकिस्तान की सूखेगी खेती
अटारी-वाघा चेक पोस्ट को तुरंत बंद किया गया। कानूनी तौर पर जो लोग चेक पोस्ट पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई से पहले वापस जाना होगा।
पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा नहीं
छूट योजना के तहत भारत आने की इजाजत नहीं होगी। पहले से जारी सभी वीजा रद्द होंगे। साथ ही वीजा पर पहले से भारत आए पाकिस्तानियों को अगले 48 घंटे में देश छोड़ना होगा।
पाकिस्तानी उच्चायोग भारत छोड़ो
दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा और सैन्य सलाहकारों को एक हफ्ते में भारत छोड़ना होगा। इन पदों को अब खत्म माना जाएगा। भारत भी अपने रक्षा सलाहकारों को इस्लामाबाद से वापस बुलाएगा।
उच्चायोग में संख्या कम होगी
भारत और पाकिस्तान उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी। ये कटौती 1 मई 2025 से लागू होगी।
इन कदमों के माध्यम से भारत सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है।
Janchoupal36 वैचारिक चर्चा
हर आदमी आज उलझन में है कश्मकश भरी जिंदगी जी रहा अब चंद पल खुली हवा में शुकून से जीने गया तो मौत बाहें पसारे मिली।ये आतंकी होते क्यों है इनका इरादा क्या है क्यों छुपकर निर्दोष लोगों की हत्याएं करता है।आदमी है तो कुछ उसूल भी होते है फिर क्या है.?? ये आदमी नहीं है ?शैतान है जो निर्दोष की जान लेते हैं।
बलवानो को देखकर शैतानों के रूह कांप उठते है अगर ये किसी देश से वास्ता रखते है तो इसे छल की चाल से मारा जाए और अगर ये शैतान है तो इनको बलप्रयोग से रौंदा जाय, क्योंकि दुश्मन सामने से वार करता है और शैतान शरीर में आत्मा में घुस के मारता है।
ये आतंकी आए कहां से और गए कहां ! कहीं ये स्थानीय समाज से या सरकार से जुड़े तो नहीं हैं। ध्यान दीजिए ये आवाम के दहशत गर्द हैं जो आवाम में ही है।

वन नेशन वन इमोशन
अब समय आ गया है राजनीति में एक पैटर्न लाने का कि राजनेता के अंदर राष्ट्रभक्ति कितनी है मुख्यमंत्री बनने योग्य कौन है इसका आधार जातीय नहीं राष्ट्रीयता होना चाहिए।
आतंकी देश विरोधी ही बस नहीं है मानवता विरोधी भी है और ऐसे नापाक इरादे वालों को पनाह देता कौन है,इनका समर्थन कौन करता है, इस पर विचार होना चाहिए।समय आ गया है अब नेता का राजनीत में आने का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए। जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं में लिखित और मौखिक परीक्षाओं से गुजरना होता है, वैसे ही सत्ता योग्य राजनेताओं का राष्ट भक्ती के लिए मौखिक एग्जाम होना चाहिए।

जिसके चयन कर्ता राष्टभक्त हो, धर्म निरपेक्ष, सम्प्रदायवाद से दूर क्षेत्रीयवाद से परे और जातिवाद से अलग व्यक्ति हों।राष्ट्रवाद के सामने कोई वाद नहीं होना चाहिए अन्यथा आतंक वाद और नक्सल वाद कभी खत्म नहीं होगा। राजनीति में तो सत्ता वाद हावी है, जिस कारण आज संख्यावाद, क्षेत्रवाद, जातिवाद और पार्टीवाद आधारित राजनीति खड़ी है ,तब राष्ट्रवाद कहां से आयेगा।
वन नेशन वन इलेक्शन की बात तो हो रही है।अब इस नेशन में इमोशन और इलेक्शन में सलेक्शन की जरूरत है।

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article