भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून शनिवार को केरल पहुंच चुका है। आमतौर पर, दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून तक केरल में दस्तक देता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।
अभी नौतपा की शुरुआत ही नहीं है कि देश में बारिश की चेतावनी शुरू हो गई है। लगता है इस बार मानसून समय पूर्व आ गया है ।अमूमन 1 जून के बाद देश में मानसून सक्रिय होता है। मई महीने में नौतपा 25 जून से चालू होकर 2 जून तक रहता है अभी नौतपा के पहले ही मानसून का दस्तक हो गया लग रहा है।भीषण गर्मी के बीच अचानक बदले मौसम और बारिश के कारण लोगों को बढ़ते तापमान से राहत तो मिली, लेकिन बारिश का कहर भी दिखा। घरों में पानी घुसने और सड़कें बंद होने की तस्वीरें हाल ए बयां कर रही हैं।
दिल्ली- समेत कई राज्यों में बिजली के खंभे और पेड़ गिरने से
जानमाल का नुकसान हुआ है। कई जगहों पर दिन में रात जैसा नजारा दिखा। मौसम विभाग के मुताबिक अगले हफ्ते दस्तक देने जा रहा मानसून दहलीज पर खड़ा है। आंधी तूफान के साथ भारी बारिश का दौर जारी अगले चार से पांच दिनों के दौरान केरल में मानसून के दस्तक देने की संभावना है लेकिन मानसून के पहुंचने से पहले पश्चिमी घाट के कुछ हिस्सों, कर्नाटक से लेकर महाराष्ट्र के कई इलाकों में आंधी तूफान के साथ भारी बारिश का दौर जारी है पालघर जिले के नालासोपारा में भारी बारिश के कारण एक घरका छज्जा गिर गया, जिसमें दो लोगों को बचा लिया गया।
केरल में मानसून सामान्यत: 1 जून तक आता है। आखिरी बार केरल में सबसे पहले 2001 और 2009 में मानसून इतनी जल्दी पहुंचा था। तब मानसून ने 23 मई को ही केरल में एंट्री मार दी थी। वहीं साल 1918 में मानसून अब तक सबसे पहले पहुंचा था। उस साल 11 मई को ही मानसून केरल पहुंच गया था। वहीं 1972 में मानसून सबसे लेट पहुंचा था। इस साल 18 दिन की देरी से 18 जून को मानसून ने दस्तक दी थी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर, पश्चिम और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में तेज आंधी के साथ बारिश हुई।जलभराव के कारण सड़कें बंद, बिजली भी गुल।
भारतीय मौसम विभाग
(आईएमडी) ने बताया कि कर्नाटक और महाराष्ट्र के कई हिस्सों में मानसून से पहले की बारिश हो रही है। पुणे और बंगलूरू जैसे प्रमुख शहरों में भारी बारिश में जलभराव के कारण सड़कें बंद हो गई हैं कई घरों में अब भी बारिश का पानी घुसा हुआ है कई जगह पेड़ गिरने से रास्ते बंद हैं तो बिजली भी गुल है।
वज्रपात और भारी वर्षा का पूर्वानुमानकर्नाटक के तटीय और घाटी क्षेत्रों में देश में कई जगह भारी बारिश, घरों में पानी, सड़कें बंद, महाराष्ट्र-कर्नाटक में तबाही, दहलीज पर मानसून 204.5 मिमी से अधिक वर्षा की संभावना जताई गई है। असम, मेघालय, कोकण गोवा, मध्य महाराष्ट्र और उत्तरी कर्नाटक के कुछ क्षेत्रों में 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, साथ
ही वज्रपात और भारी वर्षा भी संभावित है।
देश के कई हिस्सों में बारिश हुई है या बारिश की संभावना है। इनमें से कुछ प्रमुख स्थान हैं:
दिल्ली-एनसीआर: दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बारिश के बाद तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के कई जिलों में 25 मई तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।गोवा: गोवा में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जहां रविवार तक भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है।गुजरात: गुजरात के कई इलाकों में शनिवार सुबह से ही बारिश हो रही है, और मौसम विभाग ने अरब सागर में बने कम दबाव के कारण कई जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है।हरियाणा और राजस्थान: हरियाणा और राजस्थान में भी कई जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है, और हरियाणा में हवाएं चलने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।केरल: केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है, और कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।बिहार, झारखंड और ओडिशा: इन राज्यों में 26 मई तक भारी बारिश की संभावना है। कर्नाटक: कर्नाटक के उत्तरा कन्नड़, उडुपी, दक्षिण कन्नड़, कोडागु, शिवमोग्गा और चिकमंगलूर जिलों में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है ।