छत्तीसगढ़ सरकार ने अब घर में पार्टी या निजी समारोह में शराब परोसने के लिए भी लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है। 10,000_30000 रुपये का एक दिन का लाइसेंस (FL5 क) प्राप्त करना होगा।
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार अब शराब के लिए दरिया दिल हो गई है,जहां पीओ जैसा पीओ चाहे पियो और पिलाओ , शादी विवाह, समारोह, फैशन इवेंट सबके लिए एक दिन के लिए लाइसेंस देगी।अब चाहे घर ही क्यों न हो (इसमें फॉर्म हाऊस को छोड़ दो) बना लो एक दिन के लिए शराब खाना।
वैसे तो पहले भी छत्तीसगढ़ में शराब के शौकीनों के लिए पीने-पिलाने के काफी इंतजाम देशी, अंग्रेजी शराब दुकानों में चखना माध्यम से किए गए हैं, लेकिन अगर आप कोई पार्टी करना चाहते हैं, तो इसके लिए एक दिन के कार्यक्रम के लिए भी लाइसेंस लेना होगा।
सरकार ने रेट भी तय कर रखे है
राज्य सरकार के वाणिज्यिक कर (आबकारी विभाग) ने एफएल 5 क के लिए फीस तय की है। यह फीस मंगलवार 1 अप्रैल से शुरु हो रहे नए वित्तीय वर्ष से लागू हो गई है।
10 से 30 हजार में एक दिन जमकर पिलाओ
नया नियम:अब छत्तीसगढ़ में अगर कोई व्यक्ति अपने घर (फार्म हाउस को छोड़कर) में पार्टी या निजी समारोह आयोजित करता है और उसमें शराब परोसना चाहता है, तो उसे आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा।
लाइसेंस का प्रकार:यह एक दिन के लिए दिया जाने वाला लाइसेंस एफएल 5 क के नाम से जाना जाता है।
आबकारी विभाग का निर्णय:आबकारी विभाग ने यह निर्णय लिया है कि घर की पार्टी के लिए 10,000 रुपये, शादी-ब्याह के लिए 15,000 रुपये और बड़े आयोजनों के लिए 20,000 रुपये का शुल्क लगेगा।
लक्ष्य बड़ा है तो ये सब करना पड़ेगा आबकारी 12 हजार 700 करोड़ राजस्व चाहिए
छत्तीसगढ़ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में शराब से मिलने वाले राजस्व के लक्ष्य में बढ़ोत्तरी की है। इस साल के लिए यह लक्ष्य 12 हजार 700 करोड़ रुपए रखा है। पिछले वित्तीय वर्ष में यही लक्ष्य 11 हजार करोड़ रुपए का था। विभाग ने इस लक्ष्य के विरुद्ध 10 हजार 120 करोड़ रुपए अर्जित किए हैं।
अमूमन होता ये है कि सरकार द्वारा किसी भी बार,रेस्टोरेंट ,शराबखाने में शराब पिलाने परोसने के लिए एक साल के लिए परमानेंट लायसेंस जारी किया जाता है। लेकिन अगर कोई अपनी जगह ठिकाने पर अपने कार्यक्रम में आमंत्रित मेहमानों को पिलाना चाहता है तो उसे भी लायसेंस लेना होगा। इस काम के लिए एक दिन की फीस सरकार ने तय की है।
चिंताजनक विषय ये है??
शराब की उपयोगिता बढ़ाने से समाज में दुष्परिणाम भी आयेंगे युवा पीढ़ी बदहवास होगी इसका प्रबंधन भी सरकार को करना होगा,शराब से समाज में कुसंस्कृति बढ़ेगी।