प्रशासन कह रही है कि यहां के लोग सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर घर तैयार किए हैं। ग्रामीणों का कहना है हमने मकान बनाने के लिए कर्जा लिया उधार लिया और मकान बनाए।यहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी घर तैयार किए गए हैं।
(चर्चा janchoupal36):_रायपुर जिले में नकटी ग्राम पंचायत और धरसीवा ब्लॉक पंचायत के अधिकार क्षेत्र में आता है ।छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से महज 20 किमी दूर नकटी गांव में करीब 300 लोगों के पचासों घरों पर बुलडोजर चलेगा इनमें 15 घर ऐसे हैं जो 2018 से अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने हैं जहां नल है, जल की टंकी है और बिजली है।
छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के नकटी गांव के ग्रामीणों का दावा है कि वे पिछले 40-50 वर्षों से इस जमीन पर रह रहे हैं और यह जमीन उनके पूर्वजों की है।
नगर प्रशासन का नोटिस
इधर नगर निगम प्रशासन द्वारा नोटिस जारी किया गया है कि यहां विधायक निवास तैयार किया जाना है दो दिन के अंदर घर खाली कर दो क्योंकि प्रशासन का कहना है कि यह जमीन शासकीय है और लोग अवैध रूप से कब्जा कर रह रहे हैं।यहां सरकार विधायक कॉलोनी बनाने की तैयारी में है ।
बुलडोजर चढ़ा दो जमीन नहीं देंगे
मामले पर नकटी गांव के लोगों का कहना है कि यह जमीन हमारे पुरखों की है हमारे और बच्चों के सीने पर बुलडोजर चढ़ा दो फिर भी जमीन नहीं देंगे यहां सरकारी नल है पानी की टंकी है बिजली के खंबे हैं लेकिन सरकार की नजर में यह गांव अचानक अवैध कैसे हो गया।
ग्रामीण कहां जाएंगे
ग्रामीणों की परेशानी का सबब है ग्रामीणों को उनके घरों के बदले कोई मुआवजा या जमीन नहीं दी जा रही है।ग्रामीण कह रहे हैं कि वे कहां जाएंगे और कैसे रहेंगे, इसकी कोई जिम्मेदारी सरकार ने नहीं ली है।
कांग्रेस का मिला समर्थन
ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है और कांग्रेस पार्टी भी उनके साथ है।
पूर्व विधायक अनिता शर्मा ने कहा है कि वे ग्रामीणों के साथ हैं और ग्रामीणों के घर उजाड़कर विधायक कॉलोनी बनाने का पुरजोर विरोध करेंगे।वे सवाल उठा रही हैं कि जिन कारणों से गरीबों की बस्ती और घर तोड़े जाते हैं,उनमें से कोई कारण नकटी गांव में नहीं है।
लोगों का दावा
निवासरत लोगों का कहना है ग्रामीण दावा कर रहे है कि वे पिछले 40 से 50 सालों से रह रहे हैं। ये जमीन उनके पूर्वजों द्वारा दी गई है और लोग आपस में भाईचारा दिखाते हुए थोड़े-थोड़े हिस्सों में घर बनाकर गुजारा कर रहे थे। घर टूटने की खबर से लोगों की मानो पैर के नीचे से जमीन खिसक गई हो। इसी का विरोध करते हुए वहां के ग्रामीण पिछले एक सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं।