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Sunday, June 15, 2025

सीएम ममता बनर्जी ने दीघा में बनवाया जगन्नाथ मंदिर,, विज्ञापन पर सोशल मीडिया से उठे सवाल

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सोशल मीडिया पर लोगों ने इस जगह के Google Maps के स्क्रीनशॉट शेयर किए।शायद सरकार ने ऐड में नक्शा डालने के लिए जल्दबाजी में बिना चेक किए स्क्रीनशॉट इस्तेमाल कर लिया था।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दीघा में एक भव्य जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवाया है, जो ओडिशा के पुरी में स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर है। इस मंदिर का उद्घाटन 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के मौके पर किया गया था। मंदिर की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं :
मंदिर की शैली”मंदिर की संरचना”चार प्रमुख मंडप हैं”
मंदिर की ऊंचाई: पुरी के जगन्नाथ मंदिर की ऊंचाई के समान है।
नीलचक्र और ध्वज: मंदिर के शिखर पर नीलचक्र की तरह ही चक्र लगाया गया है, और हर रोज शाम को ध्वज परिवर्तन किया जाएगा।

इस मंदिर के निर्माण पर विपक्ष ने ममता बनर्जी पर हिन्दुत्व की राजनीति करने का आरोप लगाया है और इसे जनता के पैसों की बर्बादी करार दिया है। मंदिर का निर्माण करीब 250 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है ।
विवाद में विज्ञापन का नक्शा
चर्चा में यह है कि मंदिर के प्रचार के लिए ममता सरकार ने 30 अप्रैल को अखबारों में एक डबल-पेज ADD छपवाया। इसमें एक नक्शा भी शामिल था, जिसमें मंदिर के आसपास की जगहें दिखाई गई थीं। लेकिन इस नक्शे में एक जगह का नाम पढ़कर सबके होश उड़ गए।नक्शे में इस जगह पर लिखा था ‘Female Vibrators in Digha’!
इसके बाद सोशल मीडिया पर इसको लेकर सवाल पूछे जाने लगे।
पश्चिम बंगाल सरकार ने ये add बंगाली और अंग्रेजी भाषा के कई अखबारों में प्रकाशित करवाया था। अब इसमें मंदिर के आसपास की जगहें जब देखी गईं, तो एक जगह का नाम पढ़कर लोगों के दिमाग हिले। इस जगह पर सेक्स टॉय की तरह इस्तेमाल होने वाले ‘फीमेल वाइब्रेटर्स’ का जिक्र था और ये भी बताया गया था कि ये कहां मिल रहे हैं।
नक्शे के मुताबिक दीघा नाम के इलाके में फीमेल वाइब्रेटर्स मिलते हैं।नक्शे में ये जगह अमरावती पार्क और जगन्नाथ घाट के बीच में पिन की गई थी।
बीजेपी ने सवाल दागा
बीजेपी ने मौके का फायदा उठाते हुए इसे ‘हिंदू भावनाओं का अपमान’ करार दिया। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने X पर कहा कि ये जानबूझकर किया गया अपमान है।उन्होंने लिखा,
“ये बेहद शर्मनाक है कि दीघा में जगन्नाथ सांस्कृतिक परिसर के उद्घाटन के लिए ममता बनर्जी सरकार के विज्ञापनों में अनुचित सामग्री को बढ़ावा दिया गया। ये हिंदू भावनाओं का जानबूझकर अपमान है और भगवान जगन्नाथ के भक्तों के प्रति घोर अनादर है। इस तरह की हरकतें वास्तविक भक्ति की कमी को दर्शाती हैं, और निंदनीय राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं।”


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