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Monday, April 28, 2025

1 मई से FASTag की जगह “ANPR” नया बेस टोलिंग सिस्टम लॉन्च,अब देश में लागू होगा नया टोल सिस्टम

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भारत में तकनीक के साथ-साथ सफर करने का तरीका भी तेजी से बदल रहा है। 1 मई 2025 के बाद टोल देने का यह नया तरीका एक बड़ा कदम है। हालांकि शुरू में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन लंबे समय में यह हमारे समय, पैसे और ईंधन तीनों की बचत करेगा।

फास्टैग सिस्टम (FASTag System) : अब हाईवे पर नही होगा फास्ट टैग का झंझट इस पर भारत सरकार नया सिस्टम लॉन्च कर रही है जो 1 मई से पूरे देश में लागू हो जाएगा।अब टोल देने का तरीका बदल जाएगा,अमूमन आदमी आज चारपहिया वाहन से सफर करते हैं, तो ये खबर उनके लिए बहुत जरूरी और उपयोगी है। 1 मई 2025 से भारत सरकार टोल टैक्स सिस्टम को खत्म करके एक नया टोल कलेक्शन सिस्टम लागू करने जा रही है। इसका सीधा असर हर उस व्यक्ति पर पड़ेगा जो टोल सड़क का उपयोग करता है, चाहे ऑफिस जाने वाहन उपयोग हो या जब-कभी लॉन्ग ड्राइव पर निकलता हो।
फास्टैग सिस्टम में बदलाव : केंद्रीय यातायात परिवहन मंत्रालय सड़क सफर को सुविधा देने नित नए प्रयोगों को लेकर आ रही सरकार के इस कदम के पीछे की सोच है समय और ईंधन खपत को कम करना है।
वाहनों के लिए अब नया टोल सिस्टम क्या है?
भारत सरकार अब ‘ANPR आधारित टोलिंग सिस्टम’ (Automatic Number Plate Recognition) लागू करने की तैयारी में है। इसका मतलब है कि अब आपकी गाड़ी पर लगे नंबर प्लेट को कैमरे स्कैन करेंगे और उसी आधार पर टोल चार्ज कर लिया जाएगा।
इसमें गाड़ी रुकने की जरूरत नहीं होगी FASTag की तरह अलग से टोल बूथ से गुजरने की झंझट नहीं रहेगी
सीधे आपके बैंक अकाउंट या लिंक्ड पेमेंट वॉलेट से कट जाएगा पैसा
फास्टैग सिस्टम : सरकार के इस कदम के पीछे की सोच
इस बदलाव का मकसद है टोल वसूली को ज्यादा सरल, ट्रांसपेरेंट और फास्ट बनाना। अक्सर देखा गया है कि FASTag होने के बावजूद लोगों को टोल प्लाजा पर लंबी लाइन में लगना पड़ता है, जिससे समय और ईंधन दोनों की बर्बादी होती है।
कुछ अहम कारण भी है जिसमें सरकार ने ध्यान दिया है:व्यस्त मार्गों की टोल प्लाजा पर भीड़ कम करना फ्यूल की बचत टैक्स चोरी रोकना हर राज्य में एक समान व्यवस्था लागू करना।
यह नया सिस्टम कैसे काम करेगा?
यह सिस्टम हाईवे पर लगे खास कैमरों और सॉफ्टवेयर की मदद से काम करेगा।गाड़ी जब हाईवे पर प्रवेश करेगी, कैमरा नंबर प्लेट को स्कैन करेगा नंबर प्लेट का डेटा रजिस्टर्ड अकाउंट से लिंक होगा उस आधार पर टोल की रकम ऑटोमेटिकली कट जाएगी यह सब कुछ रीयल टाइम में होगा और आपको SMS या नोटिफिकेशन के जरिए जानकारी भी मिल जाएगी।
किन लोगों पर पड़ेगा सीधा असर?
यह सिस्टम हर किसी के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों को शुरुआत में परेशानी हो सकती है:
जिनकी गाड़ियों की नंबर प्लेट खराब या स्पष्ट नहीं है
जिनका डेटा परिवहन विभाग में सही तरीके से दर्ज नहीं है
बुजुर्ग या तकनीक से कम वाकिफ लोगों को शुरुआत में असुविधा हो सकती है
इसके लिये आपको कुछ करने की जरूरत है?
अगर आप चाहते हैं कि नया सिस्टम आपके लिए smoothly काम करे, तो आपको कुछ जरूरी चीजें अभी से कर लेनी चाहिए:
अपनी गाड़ी की नंबर प्लेट साफ और ISI मानक वाली लगवाएं
परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाकर अपना वाहन रजिस्ट्रेशन और पर्सनल डेटा चेक करें ,अपना बैंक अकाउंट या डिजिटल पेमेंट मोड अपडेट रखें।
SMS अलर्ट के लिए मोबाइल नंबर अपडेट करें।

अब FASTag का क्या होगा?
1 मई 2025 के बाद FASTag का उपयोग बंद हो जाएगा। हालांकि कुछ समय तक सरकार ट्रांजिशन पीरियड दे सकती है, लेकिन दीर्घकाल में यह सिस्टम पूरी तरह से रिप्लेस हो जाएगा।
एक्सपर्ट सुझाव: अगर आपके पास अभी भी बैलेंस बचा हुआ है, तो बैंक या FASTag पोर्टल से उसे रिफंड करवाएं।

नए सिस्टम से होने वाले फायदे
तेज़ और बिना रुकावट यात्रा: अब टोल पर रुकने की जरूरत नहीं
कैशलेस पेमेंट: सबकुछ डिजिटल, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
टाइम और फ्यूल की बचत: ट्रैफिक कम होगा, समय की बचत होगी।
अपराध पर रोकथाम: नंबर प्लेट से गाड़ी का पता लगाना आसान होगा।
कुछ चुनौतियाँ भी संभावित है,
खराब इंटरनेट या तकनीकी खराबी के कारण टोल वसूली में दिक्कत आ सकती है
प्राइवेसी को लेकर लोगों को चिंता हो सकती है
फर्जी नंबर प्लेट्स या अनरजिस्टर्ड वाहनों से धोखाधड़ी संभव है।
भारत को डिजिटल इंडिया की ओर एक कदम
अगर आप चाहते हैं कि यह बदलाव आपके लिए आसान सुविधाजनक है, तो अभी से अपनी गाड़ी और पर्सनल डिटेल्स अपडेट करना शुरू कर दें।
इस तरह का सिस्टम न केवल ट्रैफिक को कंट्रोल करेगा, बल्कि भारत को डिजिटल इंडिया की ओर एक कदम और आगे ले जाएगा।

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