छत्तीसगढ़ रायपुर:_देशभर के साथ आज रविवार को छत्तीसगढ़ में भी रामनवमी मनाई जा रही है। रायपुर में मठ-मंदिर रंग-बिरंगे फूल और लाइट्स से सजे हैं। दूधाधारी और जैतूसाव मठ में भगवान राम का अभिषेक और स्वर्ण श्रृंगार किया जाएगा। साथ ही 1100 किलो मालपुआ का भोग लगेगा।
राजधानी में रामनवमी मनाएंगे शंकराचार्य
पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती रावांभाठा के सुदर्शन संस्थानम आश्रम में रामनवमी उत्सव मनाएंगे। साथ ही धर्म, अध्यात्म और हिंदू राष्ट्र पर धर्मसभा को संबोधित करेंगे। वही टाटीबंध स्थित इस्कॉन मंदिर में रामकथा के बाद 11 बजे महाभिषेक के बाद वृंदावन से वस्त्रों से राम दरबार का शृंगार किया जाएगा।
बिलासपुर में झांकियों को 500 किलो फूल से सजाया गया
बिलासपुर में राम नवमी के अवसर पर आज शाम 4 बजे भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा व्यंकटेश मंदिर सिम्स चौक से शुरू होगी। शोभायात्रा में सबसे आगे संकटमोचन हनुमान की विशालकाय प्रतिमा रहेगी।
रायगढ़ में रामनवमी के अवसर पर भव्य शोभायात्रा
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में रामनवमी के अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। रविवार की शाम 4 बजे में नटवर हाईस्कूल से शोभायात्रा की शुरुआत होगी। जिसे लेकर यातायात पुलिस ने रूट चार्ट जारी कर दिया है और शहर के कई क्षेत्रों में डायवर्सन प्वाईंट बनाया गया है। साथ ही शोभायात्रा के दौरान चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
यूपी अयोध्या:_रामनवमी पर रामलला का सूर्य तिलक, विशेष आरती भी हुई; श्रद्धालु कर रहे आराध्य के दर्शन
देशभर में आज रामनवमी का त्योहार धूमधाम से मनायाजा रहा है. अयोध्या, काशी, दिल्ली, नागपुर, कोलकाता समेत देश के अलग-अलग शहरों में सुबह से ही देवालयों में दर्शन-पूजन के लिए राम भक्तों का पहुंचना जारी है. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामनवमी के मौके पर आयोजित होने वाले भव्य समारोह के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
एमपी इंदौर
मा अहिल्या की नगरी इंदौर के प्राचीन मंदिर आध्यात्मिकता और भक्ति का केंद्र हैं।यहां मंदिरों में मर्यादा पुरुषोत्तम के मनोहारी स्वरूप विराजित हैं।इन मंदिरों में भगवान राम के बाल स्वरूप की सेवा 350 वर्षों से हो रही है। ये मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि इनकी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व भी है।
भगवान राम की देखरेख यहां एक बालक की तरह होती है।श्रीराम के बाल स्वरूप को लगाते हैं माखन-मिश्री का भोग।लाल मंदिर में 130 साल से विराजित हैं श्रीराम का दरबार।
- देश के साथ ही मां अहिल्या नगरी इंदौर के मन में भी राम बसे हैं। कहीं 350 वर्ष पुरानी श्यामवर्णी प्रभु राम के बाल स्वरूप की बालक की तरह सेवा हो रही है, तो कहीं 130 वर्ष पहले विराजित विग्रहों को संतों ने पहले देशभर में भ्रमण कराया फिर प्रतिष्ठा की गई।
रामसेतू तमिलनाडु
राम सेतु तमिलनाडु से श्रीलंका के बीच त्रेतायुग का सबसे अलौकिक चिन्ह है. वाल्मीकि ‘रामायण’ में वर्णित नल और नील द्वारा निर्मित इस सेतु को लगभग 7000 साल पुराना माना जाता है. ये सेतु आस्था और विज्ञान का अद्भुत संगम है. युगो-युगों बाद भी किस रूप में है ये सेतु?