म्यांमार में आये भूकंप के लिए भारत पहला मददगार बनकर उभरा है भारत ने अपने वायुसेना के दो विअमनाओ और नौसेना के दो पोतों को म्यांमार के लिए रावण कर दिया है इसमें NDRF की 80 सदस्यीय टीम भी शामिल है
बीते गुरूवार यानी 28 मार्च को आए भूकंप ने 5 देशों को पूरी तरह से हिलाकर रख दिया है. इस भूकंप की वजह से म्यांमार और थाईलैंड में जो तबाही हुई है उसका मजंर वाकई खौफनाक है. आज यानी 29 मार्च को फिर से म्यांमार में 5.1 मैग्नीट्यूड भूकंप के झटके आए हैं. इस भूकंप से बांग्लादेश और चीन के कुछ हिस्से बुरी तरह से भूकंप से प्रवाहित हैं. इतना ही नहीं भारत के मेघालय में धरती डोली है. भारत सरकार ने भूकंप प्रभावित देशों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया हैं. जिन देशों में इस भूकंप से ज्यादा जान-माल की हानि हुई है. उन देशों की भारत सरकार आगे आकर सहायता कर रही है.
ये राहत सामग्री पहुंची म्यांमार
शनिवार सुबह भारत के वायुसेना स्टेशन हिंडन से ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत 15 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी गई है. इस राहत सामग्री में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, खाने के लिए तैयार भोजन, वाटर प्यूरीफायर, हाईजिन किट्स, सोलर लैंप, जेनरेटर सेट, जरूरी दवाएं (पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, कैनुला, सीरिंज, दस्ताने, कॉटन बैंडेज, यूरिन बैग आदि) शामिल हैं. भारतीय वायूसेना का विमान C 130 J इस राहत सामग्री को लेकर म्यांमार पहुचा हैं.
रणधीर जयसवाल क्या कहा?
इस पर चर्चा करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा है कि ‘ऑपरेशन ब्रह्मा के जरिए म्यांमार में भूकंप प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. भारत भीषण भूकंप से प्रभावित म्यांमार के लोगों की सहायता के लिए फर्स्ट रिस्पॉन्डर के रूप में कार्य कर रहा है. 15 टन राहत सामग्री की हमारी पहली खेप यांगून में पहुंच गई है.’ दरअसल ये म्यांमार और थाईलैंड में बीते 200 साल में सबसे खतरनाक और प्रलयकारी भूकंप था. इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 मापी गई है.
सैकड़ों लोगों की गई जान तो सैकड़ों लोग घायल
इस भूकंप की वजह से सैकड़ो लोग मलबे में दब गए हैं. तो वहीं 150 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. म्यांमार और थाईलैंड में इस समय प्रलयकारी मंजर दिखाई दे रहा है. बताया जा रहा है कि अभी 700 से ज्यादा लोग घाचल भी हैं. भूकंप से म्यांमार में सबसे ज्यादा तबाही हुई है और अमेरिका के Geological Survey ने आशंका जताई है कि मरने वाले लोगों का आंकड़ा 10 हजार को भी पार कर सकता है. इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर में था लेकिन इस भूकंप के झटके भारत, थाईलैंड, बांग्लादेश और चीन में भी महसूस किए गए.