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Monday, April 28, 2025

१ मई से मंहगे होंगे एटीएम”फ्री ट्रांजेक्शन के बाद लगेंगे एक्सट्रा चार्ज

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हर बैंक अपने ग्रहकों को एटीएम पर फ्री ट्रांजेक्शन की सुविधा देतें है, एटीएम पर फ्री लिमिट के बाद ट्रांजैक्शन महंगे होने वाले हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इंटरचेंज फीस बढ़ा दी है। इसका उन लोगों को नुकसान होगा जो एटीएम का ज्यादा यूज करते हैं।

नई दिल्ली: एक मई से फ्री लिमिट के बाद ATM ट्रांजैक्शन महंगे हो जाएंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इंटरचेंज फीस बढ़ा दी है। जो लोग ATM का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उन्हें ये बदलाव महंगा पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक फ्री लिमिट के बाद हर ट्रांजैक्शन पर अब 2 रुपये अधिक देने होंगे। नॉन-ट्रांजैक्शन फीस में भी रुपये की बढ़ोतरी हुई है। मतलब अब ATM से पैसे निकालने पर 19 रुपये लगेगे। पहले 17 रुपये लगते थे। अकाउंट का बैलेंस चेक कराने पर अब 7 रुपये लगेगे। पहले 6 रुपये लगते थे।

  1. क्या है इंटरचेंज फीस?
    ATM इंटरचेंज फीस एक ऐसा चार्ज है जो एक बैंक अपने कस्टमर्स को ATM की सर्विस देने के लिए दूसरे बैंक से वसूलता है। लेकिन ये खर्चा अक्सर बैंक अपने कस्टमर्स पर डाल देते हैं। मिसाल के तौर पर अगर आप दिल्ली, मुंबई में रहते हैं। आप HDFC बैंक के कस्टमर हैं और SBI के ATM से पैसे निकालते हैं तो तीसरे ट्रांजैक्शन के बाद HDFC बैंक आपसे चार्ज ले सकता है।
  2. फ्री ट्राजेक्शन कितना है?
    रिजर्व बैंक के 10 अक्टूबर 2014 एक सर्कुलर के मुताबिक, दूसरे बैंको के ATM पर एक महीने में फ्री ट्रांजैक्शन की संख्या 5 से घटाकर तीन कर दी गई है (फाइनेशल और नॉन फाइनैंशल दोनों)। मेट्रो शहरों (मुंबई, नई दिल्ली, चेन्नै कोलकाता, बेंगलुरू और हैदराबाद) में तीन फ्री ATM ट्रांजैक्शन हैं। इन मेट्रो शहरों के अलावा बाकी जगहों पर दूसरे बैंकों के ATIM पर पांच फ्री ट्रांजैक्शन हैं।
  3. ट्रांजैक्शन फेल हो जाए तो?
    कई बार ATM तकनीकी खराबी का वजह ट्रांजैक्शन फेल हो जाते हैं। इससे ग्राहकों में कन्फ्यूजन होता है कि क्या फेल ट्रांजैक्शन भी फ्री ट्रांजैक्शन में गिने जाएंगे। रिजर्व बैंक ने 14 अगस्त, 2019 के अपने सर्कुलर में साफ किया है कि अगर तकनीकी दिक्कतों (हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर कम्युनिकेशन प्रॉब्लम, ATM में पैसे न होना, बैंक सर्विस प्रोवाइडर की गलती गलत पिन आदि) की वजह से ट्रांजैक्शन फेल होता है, तो उसे वैलिड ट्रांजैक्शन नहीं माना जाएगा। इस पर कोई चार्ज नहीं लगेगा।
  4. फ्री ट्रांजैक्शन की लिमिट
    इस सर्कुलर में ये भी साफ किया गया है कि नॉन कैश विड्रॉल ट्रांजैक्शन (जैसे बैलेंस इन्क्वायरी, चेक बुक मांगना, टैक्स का भुगतान, फंड ट्रांसफर आदि) जो ‘onus ट्रांजैक्शन होते हैं (यानी जब किसी बैंक के ATM पर उसी बैंक का कार्ड इस्तेमाल किया जाता है), वो फ्री ATM ट्रांजैक्शन में नहीं गिने जाएंगे।
  5. कितना चुकाना होगा?
    कैश विड्रॉल फ्री लिमिट के बाद हर ट्रांजेक्शन पर 19 रुपये लगेंगे। पहले 17 रुपये लगते थे। बैलेंस इन्क्वॉयरी, मिनी स्टेटमेंट, वगैरह पर 7 रुपये लगेंगे। पहले इसके लिए 6 रुपये लगते थे।
  6. किनके लिए मुसीबत?
    ये बढ़ी हुई कीमत छोटे बैंकों के ग्राहकों को ज्यादा परेशान करेगी। क्योंकि छोटे बैंक ATM के लिए बड़े बैंकों पर ही निर्भर रहते हैं। जो लोग ATM का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उन्हें ये बदलाव महंगा पड़ेगा फ्री लिमिट के बाद हर ट्रांजैक्शन पर लोगों को अब 2 रुपये अधिक देने होंगे
  7. फैसले की वजह?
    सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है ताकि कैश पर निर्भरता कम हो। ATM के चार्ज बढ़ने से डिजिटल पेमेंट और भी किफायती विकल्प बन जाएगा|
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