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Monday, April 28, 2025

छत्तीसगढ़ में बिहार तिहार” मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भिलाई में’बिहार – तिहार स्नेह मिलन’ कार्यक्रम में शामिल,सर्व समाज प्रमुखों का किया सम्मान

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रायपुर।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि बिहार और छत्तीसगढ़ की संस्कृति,परंपराएं, त्योहार और पारिवारिक मूल्य सब कुछ एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं।ये रिश्ता केवल भूगोल का नहीं, बल्कि भावनाओं और संस्कारों का है। वे आज भिलाई में बिहार तिहार स्नेह मिलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

यह आयोजन एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत बिहार स्थापना दिवस के अवसर पर हुआ।


मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बिहार और छत्तीसगढ़ के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता केवल कहावत नहीं, अब सामाजिक हकीकत बन चुकी है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनकी माता जी भी
अविभाजित बिहार से थीं और उनका झारखंड से पुराना संबंध रहा है।

छठपूजा पर बोलते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अब छठ_पर्व
छत्तीसगढ़ में भी पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। राज्य भर के तालाबों और नदियों पर सुंदर छठ घाटों का निर्माण किया गया है।


उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं भी जशपुर जिले के कुनकुरी में एक करोड़ की लागत से छठ घाट बनवाया है। मुख्यमंत्री साय ने बिहार के गौरवशाली इतिहास को नमन करते हुए कहा कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद बिहार से थे नालंदा विश्वविद्यालय,जिसने भारत को विश्वगुरु बनाया, बिहार की देन है। आर्यभट्ट, जिन्होंने शून्य की खोज की, बिहार की महान विभूति हैं।कर्पूरी ठाकुर जैसे सामाजिक न्याय के पुरोधा यहीं की धरती से निकले।

मोदी की गारंटी वादा नहीं,संकल्प है

मुख्यमंत्री साय मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी पर भरोसा किया और हमें सेवा का अवसर मिला। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सरकार ने बीते सवा साल में जनहित की कई योजनाओं को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत अब तक
70 लाख से अधिक विवाहित माताओं-बहनों को हर महीने 21000 की सहायता राशि प्रदान की जा रही है, जिससे महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और सम्मान में वृद्धि हुई है।धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाली रामलला दर्शन योजना के माध्यम से अब तक 20लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में भगवान राम के दर्शन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि तीर्थ यात्रा योजना को नए वित्तीय वर्ष से पुनः प्रारंभ किया जा रहा है, ताकि वरिष्ठ नागरिकों और श्रद्धालुओं को देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों की यात्रा का अवसर फिर से सुलभ हो सके।
एक भारत-श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को मिल रहा समर्थन ।

ऐसे आयोजनों से भाषायी
सामाजिक और सांस्कृतिक दूरियाँ कम होती हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बिहार की जास्त लिट्टी-चोखा हो या छत्तीसगढ़ का चीला -मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से भाषायी
सामाजिक और सांस्कृतिक दूरियाँ कम होती हैं। आज का यह समारोह दो राज्यों के बीच भाईचारे और सांस्कृतिक समझ का सेतु बना है।

सर्व समाज प्रमुखों का सम्मान,नई पीढ़ी को प्रेरणा मुख्यमंत्री साय ने मंच से सर्व समाज प्रमुखों को शाल और फल भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि समाजसेवियों का सम्मान हमारी परंपरा है,जिससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा लेती है।

फरा, तीजा हो या छठ दोनों राज्यों की संस्कृति में गहरा साम्य है खमरछठ और छठ पूजा, दोनों ही पर्व मातृशक्ति और प्रकृति के प्रति आभार के प्रतीक हैं।
मुख्यमंत्री साय ने सभी बिहारी भाइयों और बहनों का छत्तीसगढ़ की धरती पर स्वागत करते हुए कहा कि हम सब मिलकर प्रधानमंत्री मोदी जी के एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प को आगे बढ़ाएँ। यह आयोजन आपसी प्रेम, सद्भाव और राष्ट्रीय एकता की मिसाल है।

बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि बिहार दिवस का उद्देश्य हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को समझना और अगली पीढ़ी तक पहुँचाना है। शिक्षा, स्वास्थ्य और अधोसंरचना के क्षेत्र में बिहार में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस अवसर पर विधायक रिकेश सेन, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय, जिला पंचायत अध्यक्ष मती सरस्वती बंजारे, नगर निगम दुर्ग की महापौर मती अल्का बाघमार एवं अन्य जनप्रतिनिधि, और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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