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Monday, April 28, 2025

वाहनों के कर्कश हॉर्न से मिलेगी छुट्टी,अब बजेगा भारतीय वाद्य यंत्रों का धुन

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नितिन गडकरी ने हॉर्न की आवाज पर जताई नाराजगी 

देश की जनता को जल्द गाड़ियों के हॉर्न की कर्कश आवाज से निजात मिलने वाली है। बेसुरा धुन बेमतलब की चिल्लपों तेज आवाज लगे गाडियां दौड़ने से आम जनता को काफी परेशानी होती है। यातायात नियमों का धज्जियां उड़ाते लोग कई प्रकार से हॉर्न यूज करते हैं।अब ऐसा नहीं होने वाला केंद्रीय परिवहन मंत्रालय इस पर सुधार करने जा रही है।हॉर्न की तेज आवाज की जगह भारतीय वाद्य यंत्र की मधुर ध्वनि सुनाई देगी।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वह एक ऐसे कानून पर विचार कर रहे हैं, जिसके तहत वाहनों के हॉर्न में ढोलक, तबला और बांसुरी जैसे भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की ध्वनि का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा. हो सकता है कि आने वाले दिनों में आपकी गाड़ी के हार्न से ढोलक या बांसुरी की धुन सुनाई दे।

कानून बनाने पर हो रहा है विचार

उन्होंने कहा कि वह एक ऐसा कानून बनाने पर विचार कर रहे हैं, जिसके तहत वाहनों के हॉर्न में केवल भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की ध्वनि का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा।

देश का वाहन बाजार विश्व के तीसरे नंबर पर है

उन्होंने बताया कि भारत इस समय दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार है और उन्होंने बताया कि 2014 में भारत का वाहन क्षेत्र का 14 लाख करोड़ रुपये का था, ये अब बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। भारत से आगे केवल अमेरिका और चीन ही हैं।

क्या बोले गडकरी?

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि वह एक ऐसा कानून बनाने पर विचार कर रहे हैं, जिसके तहत वाहनों के हॉर्न में केवल भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों की ध्वनि का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। गडकरी ने एक समारोह में कहा, ”मैं एक ऐसा कानून बनाने की योजना बना रहा हूं कि सभी वाहनों के हॉर्न भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों पर आधारित हों, ताकि उन्हें सुनना सुखद हो। बांसुरी, तबला, वायलिन, हारमोनियम।”

वायु प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र का योगदान 40 प्रतिशत

उन्होंने कहा कि देश में वायु प्रदूषण में परिवहन क्षेत्र का योगदान 40 प्रतिशत है। नरेन्द्र मोदी सरकार मेथनॉल, एथनॉल सहित हरित और जैव ईंधन पर चलने वाले वाहनों को बढ़ावा दे रही है। गडकरी ने कहा कि भारत को दोपहिया वाहनों और कारों के निर्यात से अधिकतम राजस्व मिलता है। उन्होंने बताया कि 2014 में भारतीय वाहन क्षेत्र का मूल्य 14 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है। गडकरी ने कहा कि भारत, जापान को पीछे छोड़कर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है।

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